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Lanka Dahan Rap (Hindi) Lyrics

20 April 2025 by
Lanka Dahan Rap (Hindi) Lyrics
Naruto Uzumaki



[Intro]

पाके तुम्हारी अनुकंपा

होता ना भय कोई भी शंका

पूछ में आग लगी तो

जला दी रावण की लंका


[Rap]

अक्षय को था मार दिया ना फिर भी मुझको जान सके

पग रखते ही लंका मैंने असरों के थे प्राण बचे

ब्रह्मा जी के पाश को सौंपा स्वयं को मैंने सुन लंकेश

राम नाम के सिवा कोई ना बंधन मुझको बांध सके

तुझे लगा क्या मेघनाथ ने आकर मुझको बांध दिया

तुमसे मिलने हेतु मैंने अवसर ये प्रदान किया

रामदूत का लो प्रणाम स्वामी पूरी लंका के

वेदों के है ज्ञाता क्यों बुरा भला ये काम किया

खुद को भी सुधार सका ना महादेव की पूजा कर

पंडित की उपाधि को ना स्वय में बोल के ऊंचा कर

बलशाली प्रतापी ज्ञानी वैज्ञानिक है वादक सुन

दूत खड़ा है सामने ना आसन को भी पूछा पर

कुछ मुझे तोत बोल रहा पर मैं बुरा ना मान गया

अहंकार का फंदा तेरा स्वयं तुझे ही टांग गया


वही तुझ में वानर हूं जो लंक नी को हरा गया

वही तुच्छ में वानर हूं जो सो योजन को लांग गया

वही तुच्छ मैं वानर हूं जो वाटी का मैं काल बना

वही तुच्छ मैं वानर हूं जो राम नाम की ढाल बना

असुरों का मैं काल बना वार करा संघार करा

वही तुच्छ हो जिसको तेरा बेटा ना संभाल सका

इकलौते इस वानर ने तेरे शासन को भी हिला दिया

मुझे डराने वाला तेरा भाषण भी है दबा दिया

नजरों से नजरें मिला मैं तेरे बराबर बैठा हूं

आगे तेरे खुद का मैंने सिंहासन भी बना दिया


[Hook]

केसरी नंदन भक्त रघुनंदन

केसरी नंदन भक्त रघुनंदन

दीन दयाल दीन दयाल करूं चरण वंदन

महावीर बजरंग बली महावीर बजरंग बली

महावीर बजरंग बली महावीर बजरंग बली

केसरी नंदन भक्त रघुनंदन

केसरी नंदन भक्त रघुनंदन...


[Rap]

पर रावण तो हट्टी था वो कहां किसी की बात सुने

हर के किसको लाया है ये रावण ना है ज्ञात तुझे

जनक दुलारी को लौटा दे अब भी अवसर है वरना

काल तूने जो बांधा है ये ले जाएगा साथ तुझे

अधर तेरे जो श्री राम को वनका वासी कहते हैं

साधारण सा मानव जिनको लंका वासी कहते हैं

एक क्षण में ही हर ले प्राण सकल वो तेरे सुन

शुक्र मना वो वन के वासी धैर्य बांध के बैठे हैं

स्वयं राम ही कहते हैं आ जाना तुम धाम मेरे

क्षमा करेंगे पापों को रावण अब तो मान भी ले

हरि ही देते अक्सर तुझको प्राण हर स्वयं हरी

आज्ञा मैं हूं झुका हुआ मैं वरना ले लू प्राण तेरे

लंका प सुन पड़ेगी भारी हर वानर की छावनी

राम नाम के जयकारे से लंका तेरी कांपती

दूत रूप में आए इस वानर की ना एक सुनी

मैं संधि करने आया था पर देते डाली चेतावनी


कुल्हाड़ी के ऊपर तू पैर स्वयं का धर बैठा

अहंकार जलाने तेरा आ सही अवसर बैठा

साथ लगी है छोड़ने बुद्धि तेरी रावण

जो गलती ना करनी थी बस वो गलती ही कर बैठा

जयकारा है राम नाम का हिम्मत है तो आके रोक

श्री राम के एक दूत की शक्ति को तू फिर से सोच

स्पर्श करे पाताल भी ताप तेरी इस लंका का

चलती लंका की लीला को देख रहा है स्वर्ग लोक

लपटे ये विशाल खड़ी नीचे भारी स्तंभ गिरे

जिस गुंबद पे बैठू मैं वार आग का दंड गिरे

आग लगी है देख मुझे पर पीड़ा तुझको होती

खड़ा धर्म के उल्टा है तो क्यों ना तुझको दंड मिले

असुरों की ये भारी टोली तेरी सभा में देख डरा दी सभा तेरी ये मैंने

राम नाम से देख हिला दी ऊँचे स्वर में बोल रही है लपटे जलती लंका की

रावण अपने हाथों तूने लंका अपने स्वयं जला दी

जाते जाते रावण तुझको रामदूत का इतना कहना

सीता जी को वापस कर दे त्याग ये अभिमानी कहना

कर सकता यदि लंका राग श्री राम का एक दूत

तो सोच समुंदर के उस पार खड़ी राम की पूरी सेना

ताड़का का वध किया था छोड़ जिन्होंने एक ही बाण

घर दूषण और मारिश ने भी आगे जिनके त्यागे प्राण

तुझे समझने की करता जिन्हे रावण तू है भूल बड़ी

वो नर नहीं नारायण है जिन्ह सका नहीं है तू पहचान


जय हनुमान ज्ञान गुण सागर जय कपीस तिहु लोक उजागर

रामदूत अतुलित बल धामा अंजनी पुत्र पवन सुत नामा

महावीर विक्रम बजरंगी कुमत निवार सुमत के संगी

कंचन वरन विराज सुबेसा कानन कुंडल कुंचित केसा


[rap]

होंठ मेरे संदेश आपका स्वामी तक पहुंचाएंगे

धैर बांध के रखना माता स्वामी लेने आएंगे

हाथ रखो निशानी को कुछ दे दो जाके स्वामी को

देख निशानी लग स्वामी के माता मुस्कुराएंगे

वानर सेना काटे गी धर्म विरोधी सारे शीश

आज्ञा दे दो जाने की गति अभी देनी है खीच

जाते जाते हनुमान का इतना ही बस कहना है

सर झुका है पैरों में साथ सदा रखना आशीष


दीन दयाल दीन दयाल करू चरण वंदन महावीर बजरंगबली

महावीर बजरंगबली महावीर बजरंगबली महावीर बजरंगबली

केसरी नंदन भक्त रघुनंदन केसरी नंदन भक्त रघुनंदन




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