अपरा एकादशी, जिसे अचला एकादशी भी कहा जाता है, हिंदू पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है। यह व्रत विशेष रूप से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करने और समस्त पापों से मुक्ति पाने के लिए किया जाता है। इस दिन व्रत और पूजा करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है।
🗓️ अपरा एकादशी 2025 तिथि और समय
हिंदू कैलेंडर में सबसे महत्वपूर्ण एकादशी व्रतों में से एक अपरा एकादशी इस साल 23 मई 2025 को मनाई जाएगी। द्रिक पंचांग के अनुसार, एकादशी तिथि 23 मई को सुबह 1:12 बजे से शुरू होगी और उसी दिन रात 10:29 बजे समाप्त होगी। व्रत तोड़ने का समय यानी पारण अगले दिन 24 मई को सुबह 5:25 बजे से 8:10 बजे तक मनाया जाएगा।
पारण सूर्योदय के बाद द्वादशी तिथि में किया जाता है।
🕉️ अपरा एकादशी का महत्व
अचला एकादशी को 'पापमोचिनी एकादशी' भी कहा जाता है क्योंकि इसका पालन करने से व्यक्ति को अपने सभी पापों से मुक्ति मिलती है। यह व्रत विशेष रूप से उन लोगों के लिए शुभ माना जाता है जो अपने पूर्व जन्मों या इस जीवन के पापों से मुक्त होकर मोक्ष की ओर बढ़ना चाहते हैं।
मान्यता है कि इस दिन व्रत करने से:
- जीवन में अपार पुण्य की प्राप्ति होती है
- पितरों की आत्मा को शांति मिलती है
- व्यक्ति को यश, कीर्ति और वैभव प्राप्त होता है
- न्याय, धर्म और आत्मिक शुद्धि की प्राप्ति होती है
🙏 अपरा एकादशी पूजा विधि (Puja Vidhi)
- प्रातःकाल स्नान करके भगवान विष्णु का ध्यान करें
- व्रत का संकल्प लें और दिनभर उपवास रखें
- भगवान विष्णु की प्रतिमा को गंगाजल से स्नान कराएं
- तुलसी दल, पीले पुष्प, धूप, दीप, फल और पंचामृत से पूजा करें
- विष्णु सहस्त्रनाम या विष्णु चालीसा का पाठ करें
- रात्रि जागरण और श्री हरि का भजन-कीर्तन करें
- द्वादशी तिथि को ब्राह्मण या जरूरतमंदों को भोजन और दान दें
- पारण के समय व्रत समाप्त करें
🧘♀️ व्रत नियम (Fasting Rules)
- व्रत करने वाले को ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए
- तामसिक भोजन से परहेज करें (लहसुन, प्याज आदि निषेध)
- दिनभर भगवान विष्णु के नाम का जाप करें
- फलाहार या निर्जल व्रत विकल्प रूप से रखा जा सकता है
- झूठ बोलना, क्रोध करना और बुरे विचारों से बचना चाहिए
🕉️ अपरा एकादशी मंत्र
भगवान विष्णु के लिए जपने योग्य मंत्र:
"ॐ नमो भगवते वासुदेवाय"
"श्री विष्णवे नमः"
"ॐ नारायणाय विद्महे, वासुदेवाय धीमहि, तन्नो विष्णु प्रचोदयात्"
इन मंत्रों का जाप करने से मन शुद्ध होता है और प्रभु की कृपा शीघ्र प्राप्त होती है।
🔱 उपसंहार
अपरा एकादशी 2025 का व्रत आध्यात्मिक शुद्धि, मोक्ष और पुण्य प्राप्ति का श्रेष्ठ अवसर है। इस दिन विधिपूर्वक व्रत और पूजा करके भगवान विष्णु को प्रसन्न किया जा सकता है। जो भी श्रद्धालु इस दिन पूर्ण निष्ठा से उपवास रखते हैं, उन्हें जीवन में सुख, शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है।